The significant feelings of an insignificant being in this vast world....
===कैसा यह प्यार है===
फरेब थी हासी ---मैं आशिकी समझ बैठा ,
मौतको ही अपनी ज़िंदगी समझ बैठा ,
वक्त का मजाक था यह -----बदनसीबी मेरी ,
उसकी दो बातों को मैं चाहत समझ बैठा !!!!
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